Crime Patrol: ‘Serial’ abductor gets life sentence (Episode 264, 265 on 29th, 30th June 2013)

PART 1









PART 2







The Inside Story
‘Serial’ abductor gets life sentence

Nearly two years after a two-and-a half-year old girl was kidnapped, allegedly by a Chandigarh resident, from Sector 7 in Panchkula, a local court on Monday awarded the life sentence to the accused, Ravinder Gill, in the abduction case. The sentence comes a year after Gill was arrested in the case.



The court on Monday also imposed a fine of Rs 25,000 on Gill after he was held guilty of kidnapping last week. The accused had allegedly abducted the child from her house in Sector 7, Panchkula, in October 2009 and was also paid a ransom of Rs 8 lakh by the victim's family, a day after the kidnapping. The girl's grandfather paid the ransom at Verka plant in SAS Nagar, following which, Gill released her.



The court of district and sessions judge, Anita Chaudhary, on January 18, held Gill guilty of kidnapping.The prosecution evidence in the case against Gill was based on the eye-witness account of the girl's grandfather and the recoveries that were made on the disclosures made by the accused, district attorney, Amit Parmar said. He added that Gill had stolen the vehicle, which he had allegedly used for the kidnapping but later abandoned it at a parking space in Mani Majra. The attorney further said that police had recovered the number plates of the stolen vehicle from one of Gill's residences in Gurgaon.



The accused has other cases of kidnapping pending against him and is already in judicial custody at the Ambala Central Jail. He is accused of abducting a relative of current Union Railways Minister, Pawan Kumar Bansal, in October 2010.



Thanks To:

http://www.indianexpress.com/news/-serial--abductor-gets-life-sentence/1062966/#sthash.37FuVd0I.dpuf


Gill took Rs 33 lakh to free two children, says police

Panchkula, December 31

Kidnapper Ravinder Singh Gill, accused of abducting Jiya and Arnav from Sector 7 here, had taken Rs 33 lakh as ransom for releasing the children. The accused had taken Rs 18 lakh for releasing Jiya, two-and-a-half-year-old daughter of the owner of Platinum Gymnasium, who was kidnapped on October 20, 2009.



He had taken Rs 15 lakh to release Arnav, one-and-a-half-year-old son of a Chandigarh-based businessman, who was kidnapped from the courtyard of his house on October 5, 2010.



He had also demanded ransom from the parents of five-year-old Mehak, who was abducted from outside her house on February 24, 2010.



The Commissioner of Police, Ambala range, AK Dhull, today said Gill was involved in about 11 cases, including those of murder, kidnapping, theft and snatching in the tricity.



He said the accused, after selling his share in a farmhouse and marriage palace in Punjab for Rs 35 lakh, had purchased a flat at Sector 20 and used the rest of the amount in lottery.



He added that Gill had sold that flat and purchased another flat at Sector 21, and later, shifted to Mumbai. He said after selling his property in Mumbai, he moved to Gurgaon.



Dhull further said Gill was residing in a flat at Jalvayu Tower in Gurgaon. with his wife Harvinder Kaur, hailing from Sector 4, Panchkula, and two children.



He said the accused stole a Maruti SX4 car from a parking lot at Mohali on November 24 and was driving it with a fake number plate affixed to it.



He further said a police team led by CIA inspector Karambir Singh would leave for Gurgaon and Mumbai to ascertain his involvement in cases registered against him there.



A case under Sections 420, 473, 474, 467, 468 and 411 of the IPC had been registered against Gill at the Sector-14 police station. He was remanded in police custody till January 9.



Thanks To:

http://www.tribuneindia.com/2012/20120101/cth2.htm


अर्णव किडनैपिंग में रविंदर गिल को उम्रकैद

Chandigarh | Last updated on: February 28, 2013 5:31 AM ISTपंचकूला। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश गर्ग की अदालत ने दो साल के बच्चे अर्णव के अपहरण में दोषी रविंदर सिंह गिल को बुधवार को उम्रकैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अर्णव व्यापारी एमएल बंसल का पोता है, जो रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के करीबी रिश्तेदार हैं। रविंदर सिंह गिल सेक्टर-सात निवासी व्यापारी एमएस कंग की पोती जिया की किडनैपिंग में उम्रकैद का सजायाफ्ता है। इसके अलावा रविंदर सिंह गिल के खिलाफ मोहाली में एक बच्ची की किडनैपिंग सहित चंडीगढ़, पंचकूला में लूट के मामले विचाराधीन हैं। वहीं, रविंदर सिंह गिल पर अपने पिता की हत्या का भी आरोप लगा था, जिसमें बाद में वह बरी हो गया था। 29 दिसंबर, 2011 को गिल को पंचकूला पुलिस ने दबोचा था। यह था मामला पंचकूला सेक्टर सात में 5 अक्तूबर 2010 को अर्णव अपने घर के आंगन में खेल रहा था। इसी दौरान हेल्मेट पहने एक युवक घर में घुसा और अर्णव को उठाकर फरार हो गया। अपहर्ता को भागते हुए अर्णव के ताऊ विकास ने देखा था। अर्णव को छोड़ने के बदले किडनैपर ने फोन कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी, लेकिन बाद में 15 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। 6 अक्तूबर को डेराबस्सी के नजदीक अर्णव के दादा एमएल बंसल ने फिरौती की रकम दी थी। पैसे लेने के बाद किडनैपर ने फोन कर पंचकूला सेक्टर-25 स्थित एक बारबर शॉप के बाहर से अर्णव को लेने की बात कही थी। जब परिजन और पुलिस वहां पहुंची तो अर्णव दुकान के अंदर एक बैंच पर बैठा था। अदालत में मुकर गया था बारबर पुलिस ने इस मामले में उस बारबर नहीम को भी गवाह बनाया था, जिसकी दुकान से अर्णव मिला था। किडनैपिंग के बाद रविंदर गिल अर्णव को सेक्टर 25 स्थित एक बारबर की दुकान पर छोड़ गया था। कोर्ट में नहीम रविंदर सिंह गिल को नहीं पहचान पाया था, लेकिन अर्णव के दादा और अन्य ने उसे पहचान लिया था।



सीडी बनी मुख्य आधार

इस मामले में सजा देने के लिए एक सीडी मुख्य आधार बनी, जिसमें एमएल बंसल के घर पर लगे फोन की रिकॉर्डिंग थी। सीडी में परिजनों और किडनैपर के बीच हुई बात रिकॉर्ड थी। गिल के पकड़े जाने के बाद उसकी आवाज को सीडी में कैद आवाज से मिलान कराया गया था। इसके अलावा कोर्ट में अर्णव के दादा ने भी उसकी पहचान कर ली थी।



"दिल को आज सुकून मिल गया है। कानून ने गिल को उसके करमों की सजा दी है। अदालत के फैसले से ऐसे अपराधियों को एक संदेश भी मिला है।"

 -एमएल बंसल, अर्णव के दादा



Thanks To:

http://m.newshunt.com/Amar+Ujala/Chandigarh/19951991


जिया की किडनैपिंग में रविंदर गिल दोषी करार

Panchkula | अंतिम अपडेट 18 जनवरी 2013 5:31 AM IST पर

पंचकूला। सवा तीन साल पहले सेक्टर सात की कोठी नंबर 128 से अपहृत मासूम जिया के किडनैपर रविंदर सिंह गिल को वीरवार को पंचकूला सत्र न्यायालय ने दोषी करार दे दिया। गिल को सजा 22 जनवरी को सुनाई जाएगी।

मोहाली के गांव कांसल निवासी रविंदर गिल पर अर्णव और महक की किडनैपिंग का भी आरोप है। इस संबंध में मामला अदालत में विचाराधीन है। पुलिस के अनुसार जिया के अपहरण के लिए रविंदर गिल ने चंडीगढ़ के सेक्टर 35 से होंडा सिटी कार लूटी थी। 20 अक्तूबर, 2009 को पंचकूला के बिजनेसमैन एमएस कंग की पोती जिया घर आंगन में खेल रही थी। इसी बीच शाम करीब साढ़े सात बजे रविंदर गिल गेट पर पहुंचा और उस समय महज दो साल की जिया को अगवा कर फरार हो गया। अपहरण के अगले दिन कंग परिवार को फिरौती की कॉल आई और मोटी रकम देकर बच्ची को मोहाली के एक स्टूडियो के पास छुड़ा लिया गया। फिरौती की रकम देने के दौरान रविंदर गिल को जिया के दादा एमएस कंग ने अच्छी तरह पहचान लिया था।



रविंदर गिल को 30 दिसंबर 2011 की रात सेक्टर 11 और 15 की चौक के पास पंचकूला पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस को सूचना मिली थी कि मोहाली से लूटी डिजायर कार पंचकूला में है। कार को पकड़ने के लिए पुलिस ने नाका लगाया। इसी बीच डिजायर कार लेकर आ रहे रविंदर गिल को पुलिस ने धर दबोचा। पुलिस पूछताछ में रविंदर गिल ने अपहरण सहित और चोरी की अन्य वारदात करनी कबूली। रविंदर गिल पर अपने पिता सतवंत सिंह गिल की हत्या का भी आरोप था, लेकिन बाद में अदालत ने उसे बरी कर दिया।



इस आधार पर साबित हुए आरोप

पुलिस के अनुसार जब-जब अपहरण की वारदात हुई, रविंदर गिल के बैंक खाते में रुपयों की बढ़ोतरी होती रही। एमएस कंग ने जब रविंदर गिल को फिरौती की रकम दी तो उन्होंने उसका चेहरा देख लिया था। जांच के दौरान कंग को पुलिस ने बुलाया तो उन्होंने रविंदर गिल को देखते ही पहचान लिया। कंग का कहना था कि गिल का चेहरा उनकी आंखों में बस गया था। वे उसे कभी भी नहीं भूल सकते थे।



अर्णव और महक किडनैपिंग का मामला विचाराधीन

रविंदर सिंह गिल पर सेक्टर-सात निवासी बिजनेसमैन पुनीत बंसल के बेटे अर्णव के अपहरण का मामला पंचकूला और मोहाली फेज-10 निवासी जसतेज सिंह चिन्ना की बेटी महक के अपहरण का मामला मोहाली में चल रहा है। अर्णव को अक्तूबर 2010, जबकि महक को फरवरी 2010 में अपहृत किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि अर्णव को छोड़ने के बदले 22 लाख, जबकि महक के बदले 10 लाख रुपये लिए गए थे।



"वह काली तारीख आज भी मुझे याद है। मैं उसे कभी नहीं भूल सकता। अदालत से गुजारिश है कि रविंदर गिल को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।"



-एमएस कंग, जिया के दादा



Thanks To:

http://www.amarujala.com/news/states/haryana/panchkula/Panchkula-14737-146/